शनिवार, 9 सितंबर 2023

माली समाज कि उत्पत्ति का इतिहास

  3.         "माली समाज कि उत्पत्ति का इतिहास"

     ” माली ” शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द माला से हुई है ,एक पौराणिक कथा के अनुसार माली कि उत्पत्ति भगवान शिव के कान में जमा धुल (कान के मेल ) से हुई थी ,वहीँ एक अन्य कथा के अनुसार एक दिन जब पार्वती जी अपने उद्यान में फूल तोड़ रही थी कि उनके हाथ में एक कांटा चुभने से खून निकल आया , उसी खून से माली कि उत्पत्ति हुई और वहीँ से माली समाज अपने
पेशे बागवानी से जुडा ………. माली समाज में एक वर्ग
राजपूतों कि उपश्रेणियों का है ……….. विक्रम सम्वत १२४९ (११९२ई ) में जब भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान के पतन के बाद जब शहाबुद्दीन गौरी और मोहम्मद गौरी शक्तिशाली हो गए और उन्होंने दिल्ली एवं अजमेर पर अपना कब्ज़ा कर लिया तथा अधिकाश राजपूत प्रमुख या तो साम्राज्य की लड़ाई में मारे गए या मुग़ल शासकों द्वारा बंदी बना लिए गए , उन्ही बाकि बचे राजपूतों में कुछ ने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया और कुछ राजपूतों ने बागवानी और खेती का पेशा अपनाकर अपने आप को मुगलों से बचाए रखा , और वे राजपूत आगे चलकर माली कहलाये !


माली समाज की उपजातियां

माली समाज में कुल 12 उपजातियां हैं- 
1-राजभोई माली,
2-फूल माली,
3-हल्दी माली,
4-काछी माली,
5-जीरे माली,
6-मेवाड़ा माली,
7-कजोरिया माली,
8-वनमाली,
9-रामी माली,
10-सैनी माली,
11-ढीमर माली और
12-भादरिया माली

अन्य पोस्ट-
1.माली जाति की उत्पत्ति एवं विकास

https://malisamajhistory.blogspot.com/2022/01/blog-post_26.html

2.माली समाज की उत्पत्ति
 https://malisamajhistory.blogspot.com/2022/01/blog-post_85.html

3.माली समाज कि उत्पत्ति का इतिहास
https://malisamajhistory.blogspot.com/2022/01/blog-post_7.html

4.माली जाति उत्पत्ति एंव कृषि
https://malisamajhistory.blogspot.com/2022/01/blog-post.html

नोट-  यहां पढ़ी जाने वाली माली समाज के बारे में जानकारियां मेरे द्वारा इन्टरनेट, सोशल मीडिया, वेबसाइटों से अलग अलग माली समाज के बारे में जानकारियां पढ़ी उनको कॉफी पेस्ट करके मेरे द्वारा एक जगह संग्रहीत किया है।
इसमें कोई भुल व गलत जानकारी शामिल हो तो क्षमा प्रार्थी हूं...
धन्यवाद

परमेश्वर दुगारिया, कुरज


माली होकर माली का, 
               आप सभी सम्मान करो! 
सभी माली एक हमारे, 
          मत उसका नुकसान करो! 
चाहे माली कोई भी हो, 
            मत उसका अपमान करो! 
जो ग़रीब हो, अपना माली, 
          धन देकर धनवान करो! 
हो गरीब माली की बेटी, 
          मिलकर कन्या दान करो! 
*अगर माली लड़े चुनाव,*
        *शत प्रतिशत मतदान करो!*
हो बीमार कोई भी माली , 
         उसे रक्त का दान करो!
बिन घर के कोई मिले माली, 
         उसका खड़ा मकान करो! 
मामला अदालत में गर उसका, 
        बिना फीस के काम करो! 
अगर माली दिखता भूखा, 
        भोजन का इंतजाम करो! 
अगर माली की हो फाईल, 
         शीघ्र काम श्रीमान करो! 
 माली की लटकी हो राशि, 
        शीघ्र आप भुगतान करो! 
माली को अगर कोई सताये, 
       उसकी आप पहचान करो! 
अगर जरूरत हो माली को, 
        घर जाकर श्रमदान करो! 
अगर मुसीबत में हो माली, 
          फौरन मदद का काम करो! 
अगर माली दिखे वस्त्र बिना, 
            उसे अंग वस्त्र का दान करो! 
अगर माली दिखे उदास, 
            खुश करने का काम करो! 
अगर माली घर पर आये, 
          राम राम बोल सम्मान करो! 
अगर फोन पर बात करते, 
         पहले राम राम करो!
अपने से हो बड़ा माली, 
         उसको आप प्रणाम करो!
हो गरीब माली का बबूआ, 
         उसकी मदद तमाम करो! 
बेटा हो गरीब माली का पढ़ता, 
          कापी पुस्तक दान करो! 
ईश्वर ने अगर तुम्हें दिया, 
 आप खुद पर गर्व करो।

  *जय श्री राम, जय माली

जन जागरूकता के लिये, यदि आप माली समाज का विकास करना चाहते है तो यह कविता प्रत्येक माली तक पहुंचनी चाहिये। इसे सभी रिलेटिव एव माली व्हाट्स एप ग्रुप मे शेयर करे।

...✍🏻✍🏻

8 टिप्‍पणियां:

  1. Puri story dalo aadhi adhuri jankari mat dalo

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  2. माली समाज की कितनी गौत्र है ?

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  3. Jab mali chhatriy se hay to kyo mali ansuchi jati jan jati ka mang kar raha hain sarkar se mali kyo girna chahta hay chuthar banna chahta hay

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